झारखंड में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की योजनाओं से उभरते अवसर

 

झारखंड में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की योजनाओं से उभरते अवसर

TribeIndia, Empowering Women in Jharkhand: Opportunities Emerging Through Chief Minister Hemant Soren’s Schemes

झारखंड, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खनिज संपदा के लिए जाना जाता है, वहीं इस राज्य की महिलाएं भी अपने साहस, मेहनत और संघर्ष के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि, लंबे समय तक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के माध्यम से राज्य की महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान दे रही हैं।

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का महत्व

The Importance of Women's Economic Empowerment

महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण किसी भी समाज के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। आर्थिक रूप से सशक्त महिलाएं न केवल अपने परिवार की आय बढ़ाती हैं, बल्कि समाज में उनकी स्थिति भी मजबूत होती है। झारखंड जैसे राज्य में, जहां ग्रामीण और आदिवासी समुदाय की महिलाएं अक्सर शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित रहती हैं, वहां महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

घर, परिवार, समाज की धुरी महिला को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का सीधा अर्थ है देश और राज्य का स्वतः सुदृढ़ हो जाना। झारखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो झारखंड सरकार ने इस गणित को समझा और कई सफल योजनाएं बनाकर चरणबद्ध तरीके से आधी आबादी को आर्थिक स्वावलंबन देने का प्रयास कर रही है। महिलाएं अगर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हों, तो वह अपने घर, समाज, प्रदेश को उन्नति के रास्ते पर ले जा सकती हैं। झारखंड की ग्रामीण आदिवासी महिलाएं आदिकाल से बहुत मेहनती रही हैं और लंबे समय से आर्थिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। हेमन्त सरकार ने झारखंड की महिलाओं के इस कार्यशैली को और बेहतर करने का फैसला लिया और पिछले 5 सालों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई सफल योजनाओं को धरातल पर उतारा है। सरकार की ओर से राज्य और राज्य के बाहर व्यापार में भागीदारी को सुनिश्चित करने, बालिका शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने, महिलाओं को पेंशन के जरिए आर्थिक मजबूती देने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। अभी सरकार द्वारा चलाई जा रही आधा दर्जन योजनाएं सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की समृद्धि पर केंद्रित हैं।

बेटियों को मिल रही सपनों की उड़ान

Daughters Soaring Towards Their Dreams

किशोरियों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से हेमन्त सरकार द्वारा प्रारंभ की गई सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्र में हो रहा है। ग्रामीण परिवेश की किशोरियों का स्कूल ड्रॉप आउट कई बार छोटी-छोटी आर्थिक जरूरत के पूरी ना होने की वजह से हो जाता था। हेमन्त सरकार ने इस मामले को समझा और किशोरियों की आर्थिक जरूरत के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का उपहार दिया। महिला प्रोत्साहन और उनकी शिक्षा में बेहतरी के प्रयास के रूप में इस योजना को देखा जा रहा है।

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से 10 लाख किशोरियों को जोड़ा गया है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से कुल 5 बार में ₹40,000 तक आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सहायता वर्ग आठ से प्रारंभ होकर उनके 12वीं तक पहुंचने तक मिलती रहती है। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में वर्ग 8 से 12वीं तक की प्रत्येक स्कूली छात्रा को कक्षा आठ में ₹2,500, नौवीं में ₹2,500, 10वीं में ₹5,000, ग्यारहवीं में ₹5,000 और बारहवीं में ₹5,000 रुपये की सहायता उनके बैंक खाते में दी जाती है। जब किशोरी की उम्र 18 होने और उसका मतदाता पहचान पत्र बन जाए तो उसे एकमुश्त ₹20,000 रुपये दिया जाता है, ताकि छात्राएं उन रुपयों से आगे की पढ़ाई या कोई प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकें।

महिलाओं को मिल रहा सम्मान

झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) हेमन्त सरकार का आधी आबादी के आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक कारगर कदम है। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को उनके रोजमर्रा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ₹2,500 प्रतिमाह की आर्थिक सम्मान राशि दी जा रही है। योजना ने ग्रामीण इलाके के वित्तीय ढांचे को खूब मजबूती दी है। सरकार के इस सम्मान राशि का उपयोग ग्रामीण परिवेश के छोटे व्यवसाय के लेनदेन में खूब हो रहा है। इस योजना के लिए अगस्त 2024 में पूरे राज्य में कैम्प लगाकर आवेदन लेने का कार्य किया गया था। आवेदन फॉर्म और प्रक्रिया निःशुल्क थी। योजना से राज्य की बहन-बेटियाँ स्वावलंबी और सशक्त बन रही हैं। झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लिए 2025-26 में ₹13,363 करोड़ का बजट रखा गया है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस योजना को लेकर कहा, "यह सुखद अनुभव है। मेरी लाखों बहनों को मंईयां सम्मान योजना का सम्मान मिल रहा है। इस सम्मान के लिए यह भाई हमेशा आपके साथ है।" यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ा रही है।

महिलाओं के लिए स्वरोजगार के द्वार खुले

स्वयं सहायता समूहों को पलाश ब्रांड से जोड़कर उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की ब्रांडिंग ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल दिए हैं। कोविड काल में विश्वव्यापी आर्थिक संकट का असर झारखंड पर भी पड़ा था, लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं। जिसका जीता-जागता उदाहरण पलाश ब्रांड है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दिशा-निर्देश पर क्रियान्वित किए जा रहे सफल प्रयास पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति के माध्यम से अब तक 50 विभिन्न प्रकार के उत्पादों को खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। लगभग चार वर्ष से कम अवधि में लगभग 40 करोड़ से अधिक रुपए की सकल बिक्री की जा चुकी है।

पलाश ब्रांड में अपने कृषि उत्पादों की आपूर्ति तथा अन्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग एवं बिक्री के कार्यों से अब तक राज्य के स्वयं सहायता समूहों की दो लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएं जुड़कर अपने आय में वृद्धि कर रही हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हुए इसे मुख्यधारा से जोड़ रही हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों की पहचान बन चुकी पलाश ब्रांड को विशुद्ध व्यावसायिक परिचालन हेतु "पलाश इंटरप्राइजेज कंपनी" का गठन किया जा रहा है। इस पूरी योजना का मूल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का लक्ष्य है। इन योजनाओं से झारखंड की लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। पिछले 5 सालों में कोरोना काल के बावजूद महिलाएं आर्थिक मामलों में काफी समृद्ध हुई हैं।

महिला सशक्तिकरण को दिया जा रहा नया आयाम

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की विजनरी सोच और ग्रामीण महिलाओं के उत्थान तथा उनके आर्थिक स्वावलंबन के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है कि पिछले साढ़े चार वर्षों में महिलाओं को 10 गुना अधिक क्रेडिट लिंकेज प्रदान किया गया है। 2019 से पूर्व के 09 वर्षों में सखी मंडलों को जितना क्रेडिट लिंकेज दिया गया था, उसका 10 गुना क्रेडिट लिंकेज पिछले साढ़े चार वर्षों में प्रदान किया गया है। यही नहीं, सखी मंडलों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2013 से 2019 तक स्वयं सहायता समूहों (SHG) को क्रेडिट लिंकेज के तहत ₹1,114 करोड़ की राशि प्रदान की गई थी, जबकि 2019 के बाद से 30 जून 2024 तक ₹10,111 करोड़ की राशि सखी मंडल की महिलाओं को उनके सशक्तिकरण के लिए दी गई है। इसी तरह, 2013 से 2019 तक 2.45 लाख सखी मंडल थे, जो 30 जून 2024 तक बढ़कर 2.88 लाख हो गए हैं। यह वृद्धि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रामीण महिलाएं और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के प्रयास

ग्रामीण महिलाओं और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए झारखंड सरकार ने कृषि, पशुपालन, वनोपज, अंडा उत्पादन, और जैविक खेती जैसे आजीविका स्रोतों को बढ़ावा दिया है। राज्य संपोषित झारखंड माइक्रोड्रिप इरिगेशन परियोजना के तहत करीब 31,861 किसानों को टपक सिंचाई तकनीक से जोड़कर उन्नत खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत 30 हजार महिला किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है, जिससे ग्रामीण महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी उनकी भागीदारी बढ़ेगी।

फूलो झानो आशीर्वाद अभियान

फूलो झानो आशीर्वाद अभियान की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य उन महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जोड़ना था, जो मजबूरीवश दाल-हड़िया की बिक्री और निर्माण कार्य से जुड़ी हुई थीं। इस अभियान के तहत राज्य सरकार ने महिलाओं को वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। अभियान से 36 हजार से अधिक महिलाएं अब वैकल्पिक आजीविका के माध्यम से अपना जीवन यापन कर रही हैं।

इस अभियान के तहत, सरकार महिलाओं को वैकल्पिक रोजगार के लिए ₹50,000 तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध करा रही है। इससे महिलाओं को अपना छोटा व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद मिल रही है। यह अभियान न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने में भी मदद कर रहा है।

झारखंड का बजट आवंटन: महिलाओं और बाल विकास पर विशेष ध्यान

भारत सरकार द्वारा समाज कल्याण मंत्रालय को 1.18% का बजट आवंटित किया गया है, जबकि झारखंड सरकार ने महिलाओं और बाल विकास के लिए कुल बजट का 14% व्यय करने का निर्णय लिया है। यह अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। उदाहरण के लिए, उड़ीसा ने 6.20%, बिहार ने 2.77%, पश्चिम बंगाल ने 2.31%, और छत्तीसगढ़ ने 1.06% बजट आवंटित किया है। झारखंड ने बजट में आधी आबादी का विशेष ध्यान रखते हुए कई योजनाओं को प्राथमिकता दी है।

  • झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: ₹13,363 करोड़
  • मातृ किट वितरण योजना: ₹60 करोड़
  • सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना/मुख्यमंत्री कन्यादान योजना: ₹310 करोड़
  • गर्भवती महिला की देखभाल के लिए: ₹60 करोड़
  • पलाश मार्ट: ₹30 करोड़

 

हड़िया व दारू विक्रेता महिलाओं के लिए ठोस पहल

हड़िया व दारू विक्रेता महिलाओं के लिए ठोस पहल

हाल ही में, झारखंड विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान, विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी ने हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना के प्रभावी परिणामों का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हड़िया-दारू की बिक्री झारखंड की सामाजिक परंपरा का हिस्सा थी और यह पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता था।

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ महिलाएं अब भी इस व्यवसाय में शामिल हो रही हैं, जिसके कारण राज्य सरकार ने ‘फूलो-झानो योजना’ के तहत 20-25 हजार महिलाओं को हड़िया-दारू बेचने से छुड़वाया था। अब, मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की कि इस मुद्दे पर ठोस पहल की जाएगी, ताकि यह बुराई खत्म हो सके और महिलाओं को अन्य वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने एक ठोस योजना बनाई है और वे इस पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से भी इस दिशा में सुझाव मांगे हैं, ताकि इस सामाजिक समस्या को समाप्त किया जा सके और महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल सके।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है सरकार: कल्पना

 
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है सरकार

प्रमुख संवाददाता, रांची
मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में पहुंची विभिन्न समूहों की महिलाओं से मुलाकात करते हुए गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं को शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। जल्द ही राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के बैंक खातों में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि भेज दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य में महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

श्रीमती सोरेन ने कहा कि राज्य की महिलाओं को उनका हक और अधिकार देने का कार्य किया जा रहा है। राज्य दिन-प्रतिदिन सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ रहा है। राज्य की महिलाओं के त्याग, संघर्ष और तकलीफ को राज्य सरकार ने करीब से देखा है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यहां की महिलाओं के चेहरे पर खुशी झलकती रहे। राज्य सरकार महिलाओं की हर समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रही है। सभी को सामाजिक न्याय का अवसर दिया जा रहा है।

श्रीमती सोरेन ने कहा कि महिला सशक्तीकरण विकसित झारखंड के निर्माण का आधार बनेगा। राज्य में एक संवेदनशील और मजबूत सरकार के गठन में महिलाओं का पूरा सहयोग मिला है। अबुआ सरकार राज्य की महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में सम्मान देते हुए आगे बढ़ रही है। मौके पर समूह की महिलाओं ने भी श्रीमती सोरेन का आभार जताया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार द्वारा नारी शक्ति के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों को भी सराहा। मौके पर विधायक अमित महतो भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी बढ़ाने की जरूरत

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी बढ़ाने की जरूरत

एजेंसियां, नई दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परामर्श को संबोधित करते हुए मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा और रोजगार में समान अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जैसे-जैसे भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी भी उसी गति से बढ़नी चाहिए। एक आत्मनिर्भर, स्वतंत्र और सशक्त महिला विकसित भारत के निर्माण की कुंजी है। विकसित भारत का सपना हमारी सामूहिक आकांक्षा है और हमें इसे प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने भारतीय महिलाओं के योगदान पर भी प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अन्य योजनाएं

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जो उन्हें रोजगार, स्वरोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान कर रही हैं। इन योजनाओं में से कुछ प्रमुख हैं:

  1. सखी मंडल योजना
    सखी मंडल योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन समूहों के माध्यम से महिलाएं छोटे व्यवसाय शुरू करती हैं, जैसे हस्तशिल्प, कृषि उत्पादन, और डेयरी उत्पाद। सरकार इन समूहों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं।
  2. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना
    इस योजना के तहत महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो नवाचारी व्यवसायिक विचारों के साथ आगे आना चाहती हैं। इससे महिलाएं न केवल अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रही हैं।
  3. कौशल विकास कार्यक्रम
    झारखंड सरकार ने महिलाओं के लिए विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को विभिन्न व्यवसायिक कौशल, जैसे सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण, और अन्य तकनीकी कौशल सिखाए जाते हैं। इससे महिलाएं रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर रही हैं।
  4. महिला हेल्पलाइन और सुरक्षा योजनाएं
    महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और कल्याण को भी सुनिश्चित करना आवश्यक है। झारखंड सरकार ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवाएं और सुरक्षा योजनाएं शुरू की हैं, ताकि वे निर्भय होकर अपने व्यवसाय और रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

योजनाओं का प्रभाव

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की इन योजनाओं का प्रभाव राज्य की महिलाओं पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाएं अब अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार रही हैं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि समाज में उनकी भूमिका भी मजबूत हो रही है। इसके अलावा, कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं नए रोजगार के अवसर प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।

आगे की राह

झारखंड में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण एक सतत प्रक्रिया है, और इसमें अभी और प्रयासों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की योजनाएं निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन इन योजनाओं को और व्यापक बनाने की आवश्यकता है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं तक इन योजनाओं की पहुंच को और बढ़ाना होगा। साथ ही, महिलाओं को उनके अधिकारों और योजनाओं के बारे में जागरूक करना भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

झारखंड में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की योजनाएं इस दिशा में एक सराहनीय कदम हैं, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने में मदद कर रही हैं। यदि इन योजनाओं को सही ढंग से लागू किया जाए और महिलाओं तक इनकी पहुंच बढ़ाई जाए, तो झारखंड की महिलाएं न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे समाज और देश के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा का स्रोत है।


 

 

 

 

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