डोनाल्ड ट्रंप की "End Birthright Citizenship" की घोषणा: क्या यह संभव है?

डोनाल्ड ट्रंप की "End Birthright Citizenship" की घोषणा: क्या यह संभव है?


प्रस्तावना

डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे हैं, ने अपने कार्यकाल और उसके बाद भी कई विवादास्पद मुद्दों को उठाया। इनमें से एक प्रमुख मुद्दा था "जन्मसिद्ध नागरिकता" (Birthright Citizenship) को समाप्त करने का उनका प्रस्ताव। यह विचार अमेरिका और दुनिया भर में गहन बहस का कारण बना। अमेरिका जैसे देश, जो "Jus Soli" (जन्मस्थान का अधिकार) के सिद्धांत का पालन करते हैं, में यह प्रस्ताव कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से कई सवाल खड़ा करता है। इस लेख में हम डोनाल्ड ट्रंप के इस प्रस्ताव, इसके कानूनी और संवैधानिक पहलुओं, तथा इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।

जन्मसिद्ध नागरिकता का अर्थ

जन्मसिद्ध नागरिकता का तात्पर्य है किसी देश में जन्म लेने के आधार पर उस देश की नागरिकता प्राप्त करना। अमेरिका में, यह प्रावधान 14वें संशोधन (14th Amendment) के तहत आता है, जिसमें कहा गया है:

"All persons born or naturalized in the United States, and subject to the jurisdiction thereof, are citizens of the United States and of the State wherein they reside."

इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति अमेरिका में जन्म लेता है, तो वह स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिक बन जाता है, चाहे उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो। यह प्रावधान अमेरिका में आप्रवासियों और उनके बच्चों के लिए एक प्रमुख अधिकार प्रदान करता है।

 

ट्रंप का तर्क

  1. अवैध प्रवासियों का मुद्दा: ट्रंप का मानना था कि जन्मसिद्ध नागरिकता अवैध प्रवासियों को अमेरिका में स्थायी निवास का लाभ देती है।
  2. कानूनी शून्यता: उनका दावा था कि 14वें संशोधन की व्याख्या गलत तरीके से की जा रही है और यह अवैध प्रवासियों के लिए लागू नहीं होता।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा: ट्रंप के अनुसार, यह नीति अमेरिका की सीमाओं को सुरक्षित करने और अप्रवासियों के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करेगी।

क्या यह संभव है?

डोनाल्ड ट्रंप का यह प्रस्ताव कई कानूनी और संवैधानिक बाधाओं के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण है। आइए इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझते हैं:

1. संवैधानिक बाधाएं

14वें संशोधन के तहत जन्मसिद्ध नागरिकता एक संवैधानिक अधिकार है। इसे बदलने के लिए:

  • संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी।
  • इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों (हाउस और सीनेट) में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
  • इसके बाद इसे 38 राज्यों द्वारा अनुमोदित किया जाना होगा। यह प्रक्रिया अत्यंत कठिन और समय लेने वाली है।

2. कार्यकारी आदेश का सवाल

ट्रंप ने यह भी सुझाव दिया था कि वे एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) के माध्यम से जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त कर सकते हैं। लेकिन:

  • कार्यकारी आदेश संविधान को नहीं बदल सकता।
  • यदि ऐसा आदेश जारी भी होता, तो इसे अदालतों में चुनौती दी जाती।
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संविधान की रक्षा के पक्ष में निर्णय की संभावना अधिक है।

3. सामाजिक और राजनीतिक विरोध

  • अमेरिका में कई नागरिक और मानवाधिकार संगठनों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव का विरोध किया।
  • डेमोक्रेटिक पार्टी और कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने भी इसे असंवैधानिक और विभाजनकारी बताया।

"Jus Soli" और अन्य देशों की स्थिति

हालांकि "Jus Soli" नीति अमेरिका का एक प्रमुख हिस्सा है, लेकिन दुनिया के सभी देशों में इसे समान रूप से लागू नहीं किया जाता।

पूर्ण "Jus Soli" अपनाने वाले देश

  • अमेरिका: यहां जन्म लेने वाला हर व्यक्ति नागरिक होता है।
  • कनाडा: कनाडा भी इस नीति का पालन करता है।

सीमित "Jus Soli" अपनाने वाले देश

  • ऑस्ट्रेलिया: नागरिकता के लिए माता-पिता में से एक का नागरिक होना आवश्यक है।
  • जर्मनी: यहां भी माता-पिता की नागरिकता और कानूनी स्थिति को ध्यान में रखा जाता है।

ट्रंप के प्रस्ताव के तहत, अमेरिका भी सीमित "Jus Soli" नीति की ओर बढ़ने का विचार कर सकता था।

ट्रंप की घोषणा के प्रभाव

यदि यह प्रस्ताव लागू होता, तो इसके दूरगामी प्रभाव होते:

1. अवैध प्रवासियों पर प्रभाव

  • लाखों बच्चे जो अमेरिका में जन्मे हैं लेकिन उनके माता-पिता अवैध प्रवासी हैं, उनकी नागरिकता खतरे में पड़ सकती थी।
  • इससे सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती थी।

2. राजनीतिक ध्रुवीकरण

  • यह प्रस्ताव अमेरिकी समाज में प्रवासियों और नागरिकों के बीच अधिक विभाजन ला सकता था।

3. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • अमेरिका जैसे देश में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना मानवाधिकारों पर एक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता था।
  • यह अन्य देशों में भी समान नीतियों को प्रेरित कर सकता था।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप का "End Birthright Citizenship" प्रस्ताव एक विवादास्पद और संवेदनशील मुद्दा है। हालांकि यह विचार उनके राजनीतिक आधार को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने का एक प्रयास हो सकता है, लेकिन इसके कानूनी और संवैधानिक पहलुओं को देखते हुए इसे लागू करना लगभग असंभव है।

अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश में, जहां 14वें संशोधन के तहत नागरिकता की सुरक्षा की गारंटी दी गई है, इस प्रकार का कोई भी परिवर्तन गहन बहस और कानूनी प्रक्रिया की मांग करेगा। इसके अलावा, यह नीति सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता को जन्म दे सकती है, जो किसी भी देश के लिए हानिकारक है।

इसलिए, जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का ट्रंप का प्रस्ताव केवल एक राजनीतिक बयान बनकर रह गया है, जिसे लागू करना व्यावहारिक रूप से असंभव है।

 

 

 

 

 

 

 

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