झारखंड में सहारा कंपनी द्वारा गबन और राशन से वंचित आदिवासी परिवारों की समस्याएं

 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश, सहारा कंपनी के गबन पर राज्य सरकार करेगी पहल

झारखंड राज्य में पिछले कुछ समय से आदिवासी परिवारों को राशन नहीं मिलने और सहारा इंडिया कंपनी द्वारा गबन किए गए करोड़ों रुपये की समस्याएं उजागर हुई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन मुद्दों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

आदिवासी परिवारों को राशन से वंचित

गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखंड के बिजका गांव में 45 आदिवासी परिवारों को पिछले 14 माह से राशन नहीं मिला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस गंभीर मुद्दे पर गढ़वा उपायुक्त को तत्काल संज्ञान लेने और आदिवासी परिवारों को उनका हक दिलाने के निर्देश दिए। राज्य खाद्य आयोग की प्रभारी अध्यक्ष शबनम परवीन ने भी गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

सहारा कंपनी का गबन

मुख्यमंत्री सोरेन ने सहारा इंडिया कंपनी पर झारखंड के लोगों के करोड़ों रुपये डकारने का आरोप लगाया। राज्य में तीन लाख से अधिक निवेशकों के पैसे सहारा में फंसे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और सहारा से पैसा निकालकर उन्हें लौटाने का प्रयास करेगी। जरूरत पड़ने पर कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी।

समाधान कैसे करें?

इन समस्याओं का समाधान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

1. राशन संबंधित शिकायतें:

  • जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी से संपर्क करें।
  • राज्य खाद्य आयोग में शिकायत दर्ज कराएं।
  • स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर समस्या को उठाएं।

2. सहारा कंपनी के गबन से निपटने के लिए:

  • निवेशकों को अपनी शिकायतें जिला प्रशासन या सहारा इंडिया के अधिकृत केंद्रों पर दर्ज करानी चाहिए।
  • राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें और सहायता केंद्रों से संपर्क करें।
  • जरूरत पड़ने पर न्यायालय में कानूनी कार्रवाई करें।

शिकायत कहां करें?

राशन समस्या:

 
 

अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए यहां क्लिक करें

  • झारखंड राज्य खाद्य आयोग की वेबसाइट या कार्यालय में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • शिकायत संपर्क नंबर:1800-212-5512 , 0651-712-2723, 0896-958-3111 

 

सहारा कंपनी के गबन:  

  • निवेशक शिकायतें सेबी (SEBI) या सहारा इंडिया के नजदीकी केंद्रों पर दर्ज कराएं।
  • जिला प्रशासन या राज्य सरकार के हेल्पलाइन नंबर - 1800 266 7575 पर भी संपर्क करें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा त्वरित कार्रवाई और राज्य सरकार की सक्रियता से यह उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान होगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
 

 

 

 


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