भारत के कृषि मंत्रालय का बजट 2025-26: किसानों की मदद के लिए बड़े फैसले और योजनाएँ

 भारत के कृषि मंत्रालय का बजट 2025-26: किसानों की मदद के लिए बड़े फैसले और योजनाएँ

कृषि मंत्रालय का कुल बजट

कृषि मंत्रालय का बजट ₹1.51 लाख करोड़ से बढ़कर ₹3.71 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, जिसमें खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से राहत प्रदान करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है। इस बजट वृद्धि से किसानों को उर्वरकों की लागत में कमी का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और कृषि उत्पादन में सुधार होगा।

सरकार का यह निर्णय कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। इसके अलावा, उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि से किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा।

कुल मिलाकर, यह बजट वृद्धि किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है और कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी: किसानों के लिए आर्थिक राहत और उर्वरक की उपलब्धता


भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए खाद्य सब्सिडी के लिए ₹2.03 लाख करोड़ और उर्वरक सब्सिडी के लिए ₹1.67 लाख करोड़ का आवंटन किया है। यह बढ़ी हुई राशि किसानों के लिए आर्थिक राहत और उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आइए समझते हैं कि यह आवंटन कैसे किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा। 

1. खाद्य सब्सिडी का महत्व

खाद्य सब्सिडी का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और वंचित वर्गों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराना है। ₹2.03 लाख करोड़ के आवंटन से सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि:

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों को चावल, गेहूं और अन्य अनाज सस्ती दरों पर मिल सकें।
  •     खाद्यान्न की कीमतों में स्थिरता बनी रहे, जिससे महंगाई का प्रभाव कम हो।
  •     किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले, क्योंकि सरकार उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अनाज खरीदती है।

इस प्रकार, खाद्य सब्सिडी न केवल उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाती है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करती है।

2. उर्वरक सब्सिडी का प्रभाव

उर्वरक सब्सिडी का आवंटन ₹1.67 लाख करोड़ किया गया है, जो किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। इसके निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • किसानों की लागत कम होगी: उर्वरक कृषि लागत का एक बड़ा हिस्सा होता है। सब्सिडी के कारण किसानों को उर्वरक सस्ते दामों पर मिलेंगे, जिससे उनकी लागत कम होगी और लाभ मार्जिन बढ़ेगा।
  • फसल उत्पादकता में वृद्धि: उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित होने से किसान बेहतर फसल उत्पादन कर सकेंगे, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
  • मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना: सरकार ने जैविक और प्राकृतिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहेगी।
3. किसानों के लिए आर्थिक राहत

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी का बढ़ा हुआ आवंटन किसानों के लिए आर्थिक राहत का काम करेगा। यह निम्नलिखित तरीकों से किसानों की मदद करेगा:
  • आय में स्थिरता: खाद्य सब्सिडी के तहत MSP पर अनाज की खरीद से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
  • लागत में कमी: उर्वरक सब्सिडी से किसानों की लागत कम होगी, जिससे उनकी शुद्ध आय में वृद्धि होगी।
  • कृषि उत्पादकता में सुधार: सस्ते उर्वरक और बेहतर खाद्य खरीद नीतियों से किसानों को अधिक उत्पादन करने का प्रोत्साहन मिलेगा। 

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के लिए किया गया यह बड़ा आवंटन किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा और कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादकता को भी मजबूत करेगा। सरकार की यह पहल किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है। 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाएँ


किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य कृषि में विज्ञान और तकनीक का उपयोग बढ़ाना, किसानों को नई संभावनाओं से जोड़ना और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इनमें से कुछ प्रमुख पहल निम्नलिखित हैं:

1. कृषि में विज्ञान और तकनीक का उपयोग

सरकार ने कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें उन्नत बीज, सटीक सिंचाई प्रणाली, ड्रोन तकनीक और कृषि यंत्रीकरण शामिल हैं। यह किसानों को उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में मदद करेगा।

2. जलीय कृषि (एक्वाकल्चर) को बढ़ावा

जलीय कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएँ शुरू की हैं। इसमें मछली पालन, श्रिम्प फार्मिंग और अन्य जलीय उत्पादों को शामिल किया गया है। इससे किसानों को आय के नए स्रोत मिलेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

3. विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण

कृषि आधारित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एग्री-एसईजेड) बनाने की योजना से किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी। इन क्षेत्रों में कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण, पैकेजिंग और निर्यात किया जाएगा, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।


4. किसान क्रेडिट कार्ड और वित्तीय सहायता

किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, कृषि ऋण पर ब्याज दरों में छूट और बीमा योजनाओं को भी लागू किया गया है, ताकि किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

5. किसान उत्पादक संगठन (FPOs) को प्रोत्साहन

किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएँ शुरू की हैं। इन संगठनों के माध्यम से किसानों को सामूहिक रूप से उत्पादन, मार्केटिंग और निर्यात के अवसर मिलते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।


6. ई-नाम प्लेटफॉर्म

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को अपने उत्पादों को पूरे देश में बेचने का अवसर मिलता है। इससे किसानों को बिचौलियों पर निर्भरता कम होती है और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होता है।

सरकार की इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने, कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। विज्ञान और तकनीक के उपयोग, जलीय कृषि, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और अन्य पहलों के माध्यम से किसानों को नई संभावनाएँ मिल रही हैं। इन प्रयासों से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

किसानों के लिए बजट में छह नई योजनाएं: पीएम धन-धान्य कृषि योजना और अन्य घोषणाएं



सरकार ने इस साल के बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को 'विकास का पहला इंजन' बताते हुए छह नई योजनाओं की घोषणा की है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, कृषि उत्पादकता में सुधार करना और देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।

1. पीएम धन-धान्य कृषि योजना

इस योजना का लक्ष्य 1100 जिलों में किसानों की उत्पादकता बढ़ाना है। इसमें कम पैदावार वाले, आधुनिक तकनीक की कमी वाले और औसत से कम ऋण मानदंडों वाले 100 जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। यह योजना राज्य सरकारों के साथ मिलकर चलाई जाएगी और इसमें सिंचाई, भंडारण और खेती में विविधता लाने पर ध्यान दिया जाएगा।

पीएम धन-धान्य कृषि योजना से बाजार गुलजार


 


प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा के बाद कृषि क्षेत्र से जुड़े शेयरों में तेजी देखी गई है। इस योजना के तहत किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसका सीधा प्रभाव शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
कृषि शेयरों में तेजी

शनिवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के शेयरों में सात प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई। इनमें से कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों के भाव निम्नलिखित हैं:

  • कावेरी सीड कंपनी: 6.99% की बढ़ोतरी के साथ 962.25 रुपये पर बंद हुआ।
  • पारादीप फॉस्फेट्स: 3.41% की बढ़ोतरी के साथ 116.65 रुपये पर बंद हुआ।
  • मंगलम सीड्स: 3.23% की बढ़ोतरी के साथ 214 रुपये पर बंद हुआ।
  • नाथ बायो-जीन्स (इंडिया): 2.78% की बढ़ोतरी के साथ 173.55 रुपये पर बंद हुआ।
  • बेयर क्रॉपसाइंस: 0.55% की बढ़ोतरी के साथ 5,141.95 रुपये पर बंद हुआ।

इसके अलावा, पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर 0.34% बढ़कर 3,494.25 रुपये पर और यूपीएल का शेयर 0.17% बढ़कर 604.30 रुपये पर बंद हुआ।

कुछ शेयरों में गिरावट

हालांकि, कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी देखी गई। इनमें शामिल हैं:

  • चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स: 2.77% की गिरावट के साथ 490.05 रुपये पर बंद हुआ।
  • धानुका एग्रीटेक: 2.66% की गिरावट के साथ 1,403.45 रुपये पर बंद हुआ।
  •  टाटा केमिकल्स: 2.26% की गिरावट के साथ 964.45 रुपये पर बंद हुआ।
  • कोरोमंडल इंटरनेशनल: 1.46% की गिरावट के साथ 1,783.50 रुपये पर बंद हुआ।

योजना का प्रभाव

पीएम धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक संसाधन और तकनीक उपलब्ध कराना है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा में भी सुधार होगा। यह योजना कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है, जिसका असर शेयर बाजार में देखा जा सकता है। 

पीएम धन-धान्य कृषि योजना ने किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिए नई संभावनाएं खोली हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार में भी दिखाई दे रहा है। यह योजना कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

 2. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर लोन सीमा बढ़ी

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। इससे करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा। यह कदम किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा।

3. दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन

देश को दलहन (जैसे मसूर, उड़द और तुअर) में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने छह साल का मिशन शुरू किया है। नैफेड और एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां किसानों से दालें खरीदेंगी और उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेंगी।

 

4. बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना

बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। यह बोर्ड किसानों को स्वयं सहायता समूहों (एफपीओ) में संगठित करेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेगा।


5. असम में यूरिया प्लांट

असम के नामरूप में एक नया यूरिया प्लांट खोला जाएगा, जिसकी वार्षिक क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। इससे पूर्वी क्षेत्र में यूरिया की उपलब्धता बढ़ेगी और किसानों को उर्वरक की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

6. उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन

सरकार ने उच्च उपज वाले, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-सहिष्णु बीजों को विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है। इसके तहत 100 से अधिक नई बीज किस्मों को व्यावसायिक रूप से जारी किया जाएगा।

इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार करने और देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पीएम धन-धान्य कृषि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड पर बढ़ी लोन सीमा और दलहन मिशन जैसी पहलों से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। यह कदम न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगे।

कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में अगले कदम


कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। आने वाले 5 वर्षों में इन योजनाओं को मिशन मोड में लागू किया जाएगा, ताकि किसानों की पैदावार बढ़ सके और उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके। यह कदम कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

आने वाले 5 वर्षों में कृषि सुधार के प्रमुख कदम


1. पीएम धन-धान्य कृषि योजना का विस्तार

पीएम धन-धान्य कृषि योजना को 1100 जिलों में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और उनकी आय में सुधार होगा।


2. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का और अधिक उपयोग

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। आने वाले वर्षों में इस योजना को और अधिक किसानों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि वे आसानी से ऋण प्राप्त कर सकें और अपनी खेती को आधुनिक बना सकें।

3. दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता

दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह साल का मिशन शुरू किया गया है। इसके तहत किसानों को बेहतर बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि देश दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बन सके।


4. उच्च उपज वाले बीजों का विकास

सरकार ने उच्च उपज वाले, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-सहिष्णु बीजों को विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है। इसके तहत 100 से अधिक नई बीज किस्मों को व्यावसायिक रूप से जारी किया जाएगा।
 

5. कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा

कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एग्री-एसईजेड) बनाए जाएंगे। इन क्षेत्रों में कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण, पैकेजिंग और निर्यात किया जाएगा, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।

6. जलवायु-सहिष्णु कृषि तकनीक

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए जलवायु-सहिष्णु कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जाएंगी।
 

निष्कर्ष


कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में उठाए गए ये कदम किसानों की जीवनशैली को बेहतर बनाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पीएम धन-धान्य कृषि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड पर बढ़ी लोन सीमा, दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का मिशन, उच्च उपज वाले बीजों का विकास और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने जैसी पहलों से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा।

इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना, कृषि उत्पादकता में सुधार करना और देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। आने वाले 5 वर्षों में इन योजनाओं को मिशन मोड में लागू किया जाएगा, जिससे किसानों की पैदावार बढ़ेगी और उनकी जीवनशैली में सुधार होगा। यह कदम न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगे।

 

 

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