झारखंड में रेल परियोजनाओं का सुनहरा दौर: ₹7302 करोड़ के बजट से विकास को नई रफ्तार

 झारखंड में रेल परियोजनाओं का सुनहरा दौर: ₹7302 करोड़ के बजट से विकास को नई रफ्तार

 

परिचय:

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में धनबाद डीआरएम (Mr. Kamal Kishore Sinha)  कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने झारखंड के रेल बजट और विकास योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वर्ष 2025-26 के लिए झारखंड को ₹7302 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो कि 2009-2014 के औसत वार्षिक बजट ₹457 करोड़ से 16 गुना अधिक है। यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में झारखंड के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।

रेल परियोजनाओं के लिए अभूतपूर्व बजट:

रेल मंत्री ने कहा कि झारखंड में रेल परियोजनाओं के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। राज्य में 56,694 करोड़ रुपये की लागत से 34 योजनाएं पहले से ही चल रही हैं। इन परियोजनाओं के अंतर्गत 3251 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई जा रही है। यह बजट झारखंड के विकास को नई दिशा देगा और राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ेगा। 

ट्रैकों और विद्युतीकरण में प्रगति:

वर्ष 2014 से अब तक झारखंड में 1311 किलोमीटर नए रेल ट्रैक का निर्माण किया गया है, जो यूएई जैसे देशों के नेटवर्क से भी अधिक है। इसके अलावा, 943 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है। इससे झारखंड में 100 percent ट्रेनों का संचालन विद्युतीकरण प्रणाली के तहत हो रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से लाभकारी है।

अमृत भारत स्टेशन योजना:

 झारखंड के 57 रेलवे स्टेशनों को 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसके लिए 2134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इन स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर, वाई-फाई जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। 34 स्टेशनों पर लिफ्ट, 14 पर एस्केलेटर और 215 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा शुरू की गई है।

धनबाद स्टेशन के नये लुक के लिए 300 करोड़ आवंटित:

आने वाले दिनों में धनबाद स्टेशन नये लुक में दिखेगा। इसके लिए रेलवे ने 300 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया है। इसकी डिजाइन तैयार की जा रही है और डिजाइन को स्वीकृति मिलने के बाद नये भवन का काम शुरू होगा। रेलवे की ओर से पूर्व में दो डिजाइन तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजे गये थे, लेकिन अब डिजाइन में बदलाव होना है। इसके लिए नयी डिजाइन तैयार की जा रही है। धनबाद में मल्टी ट्रैकिंग का काम भी चल रहा है, जिसमें मिट्टी समतल करने और अन्य कार्यों के साथ नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए धनबाद स्टेशन को तोड़कर नया रूप दिया जाएगा।

कवच योजना: ट्रेनों की सुरक्षा में नई क्रांति:

रेल मंत्री ने बताया कि झारखंड में ट्रेनों की सुरक्षा के लिए 1693 किलोमीटर रेल लाइन में 'कवच योजना' को स्वीकृति दी गई है। यह एक आधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जो रेल हादसों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। फिलहाल 400 किलोमीटर रेल लाइन के लिए निविदा निकाली गई है।

वंदे भारत ट्रेनों का विस्तार:

झारखंड में वर्तमान में 12 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है, जो 14 जिलों से होकर गुजरती हैं और 22 स्टेशनों पर रुकती हैं। भविष्य में झारखंड को वंदे भारत स्लीपर कोच भी मिलने की संभावना है, जिसका उत्पादन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। 

बुनियादी ढांचे का विस्तार:

राज्य में 445 फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किया गया है, जिससे सड़क और रेल यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाया गया है। इससे यात्रियों को अधिक सुविधा और कम समय में यात्रा पूरी करने का अवसर मिल रहा है। 

निष्कर्ष:

झारखंड में रेल बजट और परियोजनाओं का यह सुनहरा दौर राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन योजनाओं के माध्यम से न केवल यात्री सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि राज्य के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे झारखंड एक नए विकास के मार्ग पर अग्रसर होगा।

 

 

 

 

 

 
 

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