नए वित्त वर्ष 2025 में टैक्स और बैंकिंग नियमों में बदलाव: जानिए आम जनता पर इसका असर

 

नए वित्त वर्ष 2025 में टैक्स और बैंकिंग नियमों में बदलाव: जानिए आम जनता पर इसका असर

नए वित्त वर्ष 2025 में टैक्स और बैंकिंग नियमों में बदलाव: जानिए आम जनता पर इसका असर

टैक्स-एफडी ब्याज पर राहत, पैन-क्रेडिट कार्ड नियम सख्त

पहली अप्रैल से नए वित्त वर्ष (2024-25) की शुरुआत होने वाली है। इसके साथ ही टैक्स, बैंकिंग और वित्तीय नियमों में कई बड़े बदलाव होंगे, जो आम नागरिकों, व्यवसायों और सरकारी प्रक्रियाओं पर गहरा असर डाल सकते हैं। इनमें एलपीजी-सीएनजी की कीमतों में बदलाव, एटीएम ट्रांजेक्शन शुल्क, मिनिमम बैलेंस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नियम और इनकम टैक्स से जुड़े नए प्रावधान शामिल हैं।

आइए जानते हैं कि नए वित्त वर्ष में कौन-से नियम बदल रहे हैं और ये आपकी जेब पर कैसे असर डालेंगे।

1. इनकम टैक्स में बड़ी राहत

नए वित्त वर्ष में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव हुआ है:

  • न्यू टैक्स रिजिम के तहत 7.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा (पहले 7 लाख थी)।
  • 15 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता था, अब यह सीमा 14 लाख रुपये कर दी गई है।
  • सीनियर सिटिजन्स के लिए एफडी/आरडी ब्याज पर TDS छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।

नोट: अब पुरानी टैक्स व्यवस्था का लाभ लेने के लिए अलग से आवेदन करना होगा, वरना नई व्यवस्था डिफॉल्ट मानी जाएगी।

2. विदेश में पैसे भेजने पर नए टैक्स नियम

  • शिक्षा और मेडिकल खर्च: विदेश में पढ़ रहे बच्चों की फीस या मेडिकल खर्च के लिए 10 लाख रुपये तक भेजने पर कोई TDS नहीं लगेगा (पहले 7 लाख रुपये तक छूट थी)।
  • अन्य मकसद से भेजे गए पैसे पर 5% TDS लागू रहेगा।

3. पैन-आधार लिंकिंग अनिवार्य, नहीं तो TDS दर बढ़ेगी

1 अप्रैल 2024 तक अगर आपका PAN-Aadhar लिंक नहीं हुआ है, तो:

  • TDS की दर 20% (सामान्य से दोगुनी) लग सकती है।
  • टैक्स रिफंड में देरी होगी।

4. बैंकिंग नियमों में बदलाव

(क) न्यूनतम बैलेंस की नई शर्तें

कई बैंकों (SBI, PNB, Canara Bank आदि) ने बचत खातों में मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ाई है, जो शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग होगी।

(ख) चेक पेमेंट और पॉजिटिव पे सिस्टम

  •  50,000 रुपये से अधिक के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य होगा।
  • चेक भुनाने से पहले बैंक को डिटेल्स देनी होंगी, तभी पेमेंट होगा।

(ग) क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में कटौती

SBI, IDFC जैसे बैंकों ने क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स, माइल्स और फ्री वाउचर्स में कटौती की है।

5. एलपीजी और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण:

  • रसोई गैस (LPG) और CNG की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
  • हर महीने की पहली तारीख को नई कीमतें लागू होती हैं।

निष्कर्ष

नए वित्त वर्ष में टैक्स छूट, बैंकिंग नियम और ईंधन कीमतों में बदलाव आम लोगों के बजट को प्रभावित करेंगे। पैन-आधार लिंकिंग, TDS नियम और क्रेडिट कार्ड बेनिफिट्स पर विशेष ध्यान दें। सरकार की यह पहल कुछ को राहत देगी, तो कुछ पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी डाल सकती है।

अपने वित्तीय प्लानिंग को नए नियमों के अनुसार अपडेट करें और टैक्स बचत के अवसरों का लाभ उठाएं।

 

 

 

 

 

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